kuldeepanchal9
मोह
किसी से भी मोह के समाप्त होते ही उसका अस्तित्व ही समाप्त सा हो जाता है
चाहे
वो पैसा हो
कोई प्यार हो
कोई पद हो
कोई प्रतिष्ठा हो
कोई सम्पत्ति हो
कोई वस्तु हो
कोई इंसान हो
कोई रिश्ता हो
या अंत में अपना जीवन ही क्यों न हो
***डॉ पांचाल