kuldeepanchal9
कसौटी
हे परमेश्वर
कर्म क्षेत्र में अग्नि पथ पर अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते करते थक सा गया हूँ
मानवीय कसौटी पर बिना द्वेष,दुर्भावना व छल कपट के स्पष्टीकरण देते देते सहनशीलता
समाप्त सी हो रही है
अतः प्रार्थना है कि इतना मनोबल तो दो
जिससे मैं स्वयं में थोड़े से अंश के रूप में जीवित रह सकूं
*** डॉ पाँचाल