kuldeepanchal9Sep 30, 20201 min readअकेलाकई बार मनुष्य सब कुछ होते हुए भी कहता है कि बहुत अकेला हूँलेकिन परमेश्वर की कृपादृष्टि रहेतो इतना विश्वास व साहस हो जाता है कि अकेला बहुत हूँदृष्टिकोण को परिवर्तित करियेजीवन को सुखमय बनाइए*** डॉ पाँचाल
कई बार मनुष्य सब कुछ होते हुए भी कहता है कि बहुत अकेला हूँलेकिन परमेश्वर की कृपादृष्टि रहेतो इतना विश्वास व साहस हो जाता है कि अकेला बहुत हूँदृष्टिकोण को परिवर्तित करियेजीवन को सुखमय बनाइए*** डॉ पाँचाल