kuldeepanchal9
स्वयं के अंतर्मन में स्वयं का स्थान
मनुष्य के मन मष्तिष्क में भिन्न -भिन्न समस्याओं का,मनुष्यों का, नयी -नयी योजना, जीवन यापन करने के लिए साधन व् अन्य का स्थान होता है व् नयी-
नयी तलाश में मन मष्तिष्क लगा रहता है, लेकिन स्वयं के अंतर्मन व् मन मष्तिष्क में स्वयं का स्थान नहीं होता न ही वह स्वयं की तलाश करता है जो कि बहुत ही आवश्यक है |
*** डॉ पांचाल
#selfness#selfesteem