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सत्य को धारण करना सरल व् कठिन है

मानव जाति में सभी को पता है कि जीवन में सत्य धारण करना सरल व सहज है सत्य धारण करने से मनुष्य में आत्मिक विश्वास प्राप्त होता है

सभी मनुष्य साहसी, निर्भीक व निडर होते हैं सभी सत्य को धारण करना चाहते हैं लेकिन किसी किसी को संशय होता है जैसे कि यदि सत्य कहा गया तो किसी को बुरा लगेगा किसी को ठेस पहुंच सकती है हमारे संबंध खराब हो जाएंगे

कर्म क्षेत्र में हमें हीन भावना का शिकार होना पड़ेगा

परिवार, कर्म क्षेत्र व समाज में हम अकेले हो जाएंगे

इसी भावना को ध्यान में रखते हुए कुछ मनुष्य सत्य बोलने का साहस नहीं कर पाते

उनसे एक प्रश्न है

क्या इस सृष्टि में वो किसी के साथ आए थे या अन्तिम समय में किसी के साथ जाएंगे

यदि ऐसा नहीं है तो कैसा भय किसका भय किससे भय

भय को मस्तिष्क से निकाल कर सत्य कहने का प्रयास करें

जीवन में कभी न कभी आत्मिक शांति अवश्य मिलेगी

***डॉ पांचाल


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