kuldeepanchal9
शतरंज का खेल
शतरंज का खेल बहुत ही विचित्र है सबसे शांतप्रिय खेल है केवल मन मस्तिष्क में ही द्वन्द चलता रहता है यह भी पता रहता है कि शत्रु सामने है लेकिन कब, कहाँ से व् किस दिशा से वार होगा नहीं पता चल पाता | इस खेल से यह पता चलता है कि एक छोटी सी असावधानी से हम खेल में परास्त हो जाते हैं उसी प्रकार किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए भी यदि कोई असावधानी हो जाती है तो लक्ष्य प्राप्त होना मुश्किल हो जाता है अत: शतरंज के खेल की तरह हमें अपने प्रत्येक कार्य को सावधानी, सरलता, सहजता व् गंभीरता से करना चाहिए |
*** डॉ पांचाल