kuldeepanchal9
विशिष्ट मानव
कोई भी मनुष्य विशिष्ट नहीं होता है सभी अपनी आवश्यक दिनचर्या एक ही प्रकार से पूर्ण करते हैं | कोई धन सम्पदा से, कोई पद से विशिष्ट हो सकता है लेकिन जो मानव अपने ज्ञान से दूसरों का मार्ग दर्शन करे, त्याग की भावना मन मस्तिष्क में व्याप्त हो और सद्कर्मों से समाज व् देश का उत्थान करता हो वही मानव विशिष्ट व् सर्वश्रेष्ठ कहलाता है |
*** डॉ पांचाल
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