kuldeepanchal9
योग एवम् सहयोग
किसी भी संख्याओं के जोड़ को योग कहा जाता है अर्थात जोड़ को योग कहा गया है गीता में श्री कृष्णजी ने मन मस्तिष्क के जोड़ को योग कहा है कि मनुष्य को मन मस्तिष्क के जोड़ को ध्यान में रखते हुए योग करना चाहिए तथा मनुष्य को एक दूसरे के दुःख व् भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सहयोग करना चाहिए | योग स्वयं के लिए लाभदायक होता है लेकिन सहयोग सभी के लिए लाभदायक होता है |
*** डॉ पांचाल