kuldeepanchal9
मन का बोझ
कहीं कहीं बोझ या भार का कम होना अच्छा होता है जैसे यदि तीर के पीछे भार होगा न तो उसकी गति तीव्र होगी न ही सही लक्ष्य पर होगा,पहाड़ या ऊंचाई पर चढ़ते समय भार का कम होना गंतव्य स्थान पर पहुंचने में सरल होता है,इसी प्रकार मन में जितने विचार या द्वन्द कम होंगे उतना ही जीवन सरल होगा | मन का बोझ मनुष्य के जीवन को नीरस बना देता है अत: मन में बोझ को कम करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करके जीवन आनंदमयी बनाये |
*** डॉ पांचाल