kuldeepanchal9
भोजन,प्रेम व् मान सम्मान
किसी भी मनुष्य को आवश्यकता से अधिक भोजन, प्रेम, मान सम्मान मिल जाता है तो वह इनका अपमान व् तिरस्कार ही करता है कुछ विरले ही होते हैं जो इनको सहर्ष ग्रहण व् इनका सदुपयोग करके दूसरों को शिक्षा प्रदान करते हैं |
*** डॉ पांचाल
