kuldeepanchal9
भय या डर
जहाँ निडरता होती है वहाँ किसी भी प्रकार का डर या भय नहीं होता
जहाँ सत्य अपने चरम पर होता है
जहाँ मानव सत्य के पथ पर चलता है वहाँ कोई डर या भय नहीं होता
जहाँ मानव अपने मन वचन कर्म के अनुसार कार्य करता है
वहाँ कोई डर या भय नहीं होता
जहाँ मानव परमेश्वर पर अपने धर्म पर पर अडिग होता है वहाँ कोई डर या भय नहीं होता
जो मानव सत्य या कटु बोलने का साहस रखता है उसे कोई डर या भय नहीं होता
*** डॉ पाँचाल