kuldeepanchal9
प्रेम क्या है ?
प्रेम को सभी ने अलग -अलग परिभाषित किया है किसी ने वात्सल्य बताया है, किसी ने मित्रता, किसी ने करुणा बताया है, किसी ने भक्ति, किसी ने पूजा,किसी ने पागलपन, किसी ने काम वासना बताया है | लेकिन जब प्रेम करुणा का रूप ले लेता है वही प्रेम हमें आत्मा से मिलन कराकर परमेश्वर के द्वार तक ले जाता है |
*** डॉ पांचाल
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