kuldeepanchal9
प्रकृति की अनोखी कृति
सूर्य की किरणें को पृथ्वी तक आने में 8 मिनट से अधिक समय लगता है
मनुष्य की आशा व आकांक्षाओं रूपी किरणें आयु के 20वें वर्ष में उजागर होती है एक प्रकार से मानव का संसार के लिए उदय होता है जो आयु के 45 वर्ष तक रहता है
जीवन के इन 25 वर्षो में दूसरों का अपने प्रति आकर्षण बना रहता है
चेहरे पर चमक,स्वस्थ शरीर व सारी जिज्ञासा जीवंत रहती है जीवन के प्रति उत्साह बना रहता है
शरीर के सभी अंग पूर्ण रूप से कार्य करते हैं
45 वर्ष की आयु के उपरांत शरीर के अंग शने शने शिथिल से होने लगते हैं
आहार की मात्रा भी कम हो जाती है चेहरे की चमक धूमिल सी होने लगती है
दूसरों का अपने प्रति लगाव भी कम होता जाता है केवल चुनिंदा मानव ही सम्पर्क में रह पाते हैं
एक प्रकार से जीवन के 60वें वर्ष में मानव अस्त होने की दिशा में जाना आरम्भ कर देता है
वो विरले ही होते हैं जो 60 वर्ष के पश्चात भी आकर्षक का केन्द्र होते हैं
अतः जीवन के प्रत्येक क्षण को पूर्ण उत्साह से जीने का प्रयास करें
*** डॉ पाँचाल