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पराजित मनुष्यों द्वारा संसार को चलाना

यह संसार पराजित मनुष्यों द्वारा चलाया जा रहा है संसार में केवल १० प्रतिशत मनुष्य ही ऐसे हैं जिनकी आकांक्षाएं , इच्छाएं व् चाह पूरी होती है या कहा जा सकता है कि उनके परिश्रम के अनुसार ही सफलता प्राप्त होती है जो वह जीवन में चाहते हैं वह लक्ष्य मिल जाता है जिन्हें भाग्यशाली कहा जाता है | ९० प्रतिशत मनुष्य ऐसे हैं जिन्हें परिश्रम करने के पश्चात भी अपना लक्ष्य नहीं मिल पाता सफलता जीवन भर उनसे दूर रहती है ऐसे मनुष्यों से ही संसार चल रहा है |

**** डॉ पांचाल


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