kuldeepanchal9
धन संपदा
किसी भी मनुष्य के पास धन संपदा ही सम्पत्ति नहीं कहलाती
मानव के दिल मे
दूसरे के लिए प्यार हो
दूसरों की बातें सुनने के लिये कान खुले हो
नयन दृष्टि में कोई छल कपट न हो
दोनों हाथ दूसरे की सहायता के लिए अग्रसर हो
यही धन संपदा सर्वश्रेष्ठ कहलाती है
*** डॉ पाँचाल