kuldeepanchal9
आहिस्ता आहिस्ता
आहिस्ता आहिस्ता बढ़ रहा हूँ लक्ष्य की तलाश में
कुछ सपने,कुछ इच्छाएं व् कुछ आशाओं के साथ में
कुछ अपनों के व् कुछ अपने दर्द लेकर साथ में
पता नहीं सफलता कब मिलेगी इस जीवन में
या मिलेगी मिल जाने के बाद राख में
*** डॉ पांचाल