kuldeepanchal9
आकर्षण
आकर्षण एक सीमित अवधि तक ही होता है चाहे वह प्रकृति से,किसी वस्तु से या किसी अन्य मानव से हो
प्रेम की अवधि आकर्षण से कुछ अधिक होती है एक समय के पश्चात प्रेम भी धूमिल सा होने लगता है चाहे वह किसी से भी हो जैसे माता पिता, पति पत्नी, भाई बहन,प्रेमी प्रेमिका, संतान या कोई अन्य
लेकिन परम पिता से हुआ प्रेम या लग्न अन्नंत समय तक रहती है और इसकी कोई अवधि निश्चित नहीं होती है
अत: जीवन में आनंद प्राप्त करने के लिए परमेश्वर से लग्न अति आवश्यक है |
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