4 days ago 1 min दोषारोपण सकारात्मक या नकारात्मक कभी कभी हमारे विरुद्ध यदि कोई नकारात्मक पहलू को प्राथमिकता देता है या हम पर कुछ दोषारोपण करता है लेकिन परमेश्वर की कृपा वही दोषारोपण ...
Jan 15 1 min मकर सक्रांति अथर्ववेद के तृतीय कांड के तीसरे सूक्त में एकाष्टका देवी का वर्णन है जिसमें माघ मास की अष्टमी को महत्व दिया गया है, सृष्टि के आदि में न...
kuldeepanchal94 days ago1 minदोषारोपण सकारात्मक या नकारात्मक कभी कभी हमारे विरुद्ध यदि कोई नकारात्मक पहलू को प्राथमिकता देता है या हम पर कुछ दोषारोपण करता है लेकिन परमेश्वर की कृपा वही दोषारोपण ...
kuldeepanchal9Jan 151 minमकर सक्रांति अथर्ववेद के तृतीय कांड के तीसरे सूक्त में एकाष्टका देवी का वर्णन है जिसमें माघ मास की अष्टमी को महत्व दिया गया है, सृष्टि के आदि में न...
kuldeepanchal9Jan 141 minकुत्ते का महत्व सृष्टि में मनुष्य से पूर्व कुत्ते की प्रजाति को देखा गया है कुत्ता एक सच्चा मित्र होता है कुत्ते का महत्व वही समझ सकता है जिसने कुत्ते को...
kuldeepanchal9Jan 91 minसमय की महत्ता स्वयं के क़दमों पर चलने में समय तो लगता है लम्बी दूरी तय करने में समय तो लगता है किसी लक्ष्य को पाने में समय तो लगता है किसी के व्यक्तित्व...
kuldeepanchal9Jan 91 minहिंदी शब्द म की महत्ता अति मैं अहंकार को जन्म देना, अति मान देना स्वयं के स्तर को नीचा रखना, अति मोह पागलपन, अति माया की चाह चिंता को दर्शाना, अति मल रोगों को...
kuldeepanchal9Jan 22 minमनुष्य के लिये अति प्रेरणादायक सीख अति प्रेरणादायक जंगल का राजा कहा जाने वाला शेर शिकार के लिए किए गए अपने 75% आक्रमणों में असफल हो जाता है। मतलब वह सौ में 75 बार फेल होता...
kuldeepanchal9Dec 28, 20221 minसूर्य व् चंद्रमा की महत्ता मनुष्य प्रकृति की प्रत्येक वस्तु को अपने स्वार्थ के अनुसार महत्व देता है, सूर्य देवता नियम के अनुसार प्रतिदिन उदय व् अस्त होते हैं उदय...
kuldeepanchal9Dec 25, 20221 minअपराध में दोषी कौन मन या नेत्र ?मन व् नेत्रों में आत्मिक सम्बन्ध है, मन बहुत ही चंचल है मन किसी के नियंत्रण में नहीं होता सृष्टि से अब तक सभी ऋषि, मुनि,ज्ञानी व विद्वान...
kuldeepanchal9Dec 25, 20221 minभारतीय बालीवुड के नायक व् नायिका भारतीय संस्कृति व् सभ्यता में पति पत्नी का रिश्ता प्रेम,विश्वास व् आत्मिक होता है, लेकिन बालीवुड ने इस संस्कृति व् सभ्यता को समाप्त कर...
kuldeepanchal9Dec 21, 20221 minकुत्ते व् चीता में तुलना एक बार एक सर्कस के मालिक ने कुत्तों और चीते के बीच तेज दौड़ कराने का निर्णय लिया, लक्ष्य यह देखना था कि सबसे तेज कौन दौड़ता है ? सभी हैरान...
kuldeepanchal9Dec 19, 20221 minकर्म,परिश्रम, समय व् भाग्य अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम व् निरंतरता आवश्यक है, कितना भी प्रयत्न करो समय पर ही विजय प्राप्त होती है, विश्व कप...
kuldeepanchal9Dec 18, 20221 minपश्चाताप,हिमपात,रक्तपात व् उत्पात जीवन विचित्र घटनाओं से भरा है कब समाप्त हो जाये किसी को ज्ञात नहीं होता ? जीवन में कभी- कभी ऐसी त्रुटि हो जाती है जिसके लिए पश्चाताप की...
kuldeepanchal9Oct 4, 20221 minपराजित मनुष्यों द्वारा संसार को चलाना यह संसार पराजित मनुष्यों द्वारा चलाया जा रहा है संसार में केवल १० प्रतिशत मनुष्य ही ऐसे हैं जिनकी आकांक्षाएं , इच्छाएं व् चाह पूरी होती...
kuldeepanchal9Sep 4, 20221 minकर्म व् परीक्षा मनुष्य प्रारंभिक जीवन में शिक्षा ग्रहण करता है शिक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए उसे भिन्न भिन्न प्रकार की परीक्षाओं का सामना करना...
kuldeepanchal9Aug 25, 20221 minसहनशील पुरुष सम्पूर्ण जीवन में पुरुष को न चाहते हुए भी अपने व् परिवार के पोषण के लिए कुछ कार्य करने होते हैं शाकाहारी होने के पश्चात भी उसे खून के...
kuldeepanchal9Aug 14, 20224 minमैं उनको दूंढ रहा हूँ भाग 3स्वतंत्रता की नीव रखने वाले मातादीन वाल्मीकि को मैं दूंढ रहा हूँ 1. *पुर्वोतार भारत में स्वतंत्रता की जोत जलाने वाले मनीराम दीवान व्...
kuldeepanchal9Aug 2, 20221 minआपत्ति व् विपत्ति दोनों शब्दों का अर्थ समान हो सकता है लेकिन कुछ भिन्न भी है | मनुष्यों के कर्मो के आधार पर भाग्य बनता है हमारे कर्मो से कभी कभी परमेश्वर...
kuldeepanchal9Jul 27, 20224 minमैं उनको दूंढ रहा हूँ भाग २ पराक्रमी बुद्धिमान बेताल पचीसी सिंहासन बतीसी इंद्र देवता के दरबार में न्याय करने वाले विक्रम संवत की शुरुआत करने वाले चक्रवर्ती सम्राट ...
kuldeepanchal9Jul 25, 20223 minमैं उनको दूंढ रहा हूँ भारत माता वंदन की धरती है अभिनन्दन की धरती हैं ये अर्पण की भूमि है तर्पण की भूमि हैं हर नदी यहाँ गंगा है कण कण शंकर हैं हम जियेंगे और...
kuldeepanchal9Jul 21, 20221 minलाडला व् दुलारे बचपन में माता पिता के बहुत लाडले थे सभी के दुलारे थे यौवन की चौखट पर बहुतों के प्यारे थे विवाह के बाद अपने परिवार के राजा थे जीवन की इस...